Monday, 13 February 2012

ऐसा कोई वो खूबसूरत नज़ारा होगा..






एक बार देना आवाज़ तुम,
थाम लेना हाथ मेरा,
वो बंधन एक गहरा होगा,

दो कदम चलो तुम,
इन दूरियों को मिटाओ,
फिर हर कदम साथ होगा,

तोड़ो इन खामोशियो को,
कोई धुन अब बजने दो, 
फिर हर पल मधुर होगा,

चलो आज दिल कि सुनें,
रूह के राज़ खुलने दें,
जीवन वो एक नया होगा,

होने दो इज़हार-ऐ-इश्क आज,
इन आँखों में डूब जाने दो,
जन्नत का वो नज़ारा होगा,





छोड़ो निभाना रस्मो को,
एक बार अपना  कह दो,
हर नफ्ज़ पर नाम तुम्हारा होगा,

होगे सिर्फ तुम वहां,
महताब से जब नूर छलकेगा,
तुम ही में आसमां मेरा होगा.. 

ऐसा कोई वो खूबसूरत नज़ारा होगा.. 


- नेहा सेन 

सर्वाधिकार सुरक्षित! 

मुसाफिर हूँ यारों .....!!!: ख़्वाबों में सताना तो छोड़ दो अब...!!

मुसाफिर हूँ यारों .....!!!: ख़्वाबों में सताना तो छोड़ दो अब...!!

Saturday, 11 February 2012

अब हर मोड़ पर एक शैतान मिलता है !





अब हर मोड़ पर एक शैतान मिलता है,
अखबारों में रोज़ जिनका नाम मिलता है, 
दिलो में जिसका डर पनपता है,
अंधेरों में जिसका निशा मिलता है, 
फिर भी हर कोई अँधा बनता है,
फर्क कहाँ किसी को पड़ता है, 
हर कोई चलता बनता है,
उससे बस अपना घर दिखता है, 
अरे भाई, वहाँ भी एक रास्ता है, 
कोई शैतान वहाँ भी बसता है, 
हमें कहाँ अवसर मिलता है, 
बस हर कोई यही कहता है, 
फिर भी वो कोसा करता है, 
क्यूँ नहीं कोई कुछ करता है, 
हर मोड़ पर एक शैतान मिलता है, 




इंसानियत का जहां दम घुटता है, 
दुनिया का अब पतन दिखता है,
फिर भी कहाँ कोई हल मिलता है,
हर ज़बान पर यही सवाल मिलता है,
क्यूँ हर मोड़ पर अब शैतान मिलता है,
हर कोई कमज़ोर बनता है, 
मेरे करने से कहाँ कुछ होता है, 
खुद को आम इंसान कहता है, 
अरे भाई, बस इंसान ही तो नहीं मिलता है, 
इंसान को जो बचा सकता है, 
बस हर मोड़ पर शैतान मिलता है, 
अखबारों में जिनका नाम मिलता है !! 



- नेहा सेन 

सर्वाधिकार सुरक्षित !