Saturday, 11 February 2012

अब हर मोड़ पर एक शैतान मिलता है !





अब हर मोड़ पर एक शैतान मिलता है,
अखबारों में रोज़ जिनका नाम मिलता है, 
दिलो में जिसका डर पनपता है,
अंधेरों में जिसका निशा मिलता है, 
फिर भी हर कोई अँधा बनता है,
फर्क कहाँ किसी को पड़ता है, 
हर कोई चलता बनता है,
उससे बस अपना घर दिखता है, 
अरे भाई, वहाँ भी एक रास्ता है, 
कोई शैतान वहाँ भी बसता है, 
हमें कहाँ अवसर मिलता है, 
बस हर कोई यही कहता है, 
फिर भी वो कोसा करता है, 
क्यूँ नहीं कोई कुछ करता है, 
हर मोड़ पर एक शैतान मिलता है, 




इंसानियत का जहां दम घुटता है, 
दुनिया का अब पतन दिखता है,
फिर भी कहाँ कोई हल मिलता है,
हर ज़बान पर यही सवाल मिलता है,
क्यूँ हर मोड़ पर अब शैतान मिलता है,
हर कोई कमज़ोर बनता है, 
मेरे करने से कहाँ कुछ होता है, 
खुद को आम इंसान कहता है, 
अरे भाई, बस इंसान ही तो नहीं मिलता है, 
इंसान को जो बचा सकता है, 
बस हर मोड़ पर शैतान मिलता है, 
अखबारों में जिनका नाम मिलता है !! 



- नेहा सेन 

सर्वाधिकार सुरक्षित ! 

2 comments:

  1. kafi gud he:)
    kip it up:)
    nice:)
    ye duniya ki sachchai he....
    ise koi nahi badal sakata:)
    tack care....:)
    nd
    god bles u....:)

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