Monday, 13 February 2012

ऐसा कोई वो खूबसूरत नज़ारा होगा..






एक बार देना आवाज़ तुम,
थाम लेना हाथ मेरा,
वो बंधन एक गहरा होगा,

दो कदम चलो तुम,
इन दूरियों को मिटाओ,
फिर हर कदम साथ होगा,

तोड़ो इन खामोशियो को,
कोई धुन अब बजने दो, 
फिर हर पल मधुर होगा,

चलो आज दिल कि सुनें,
रूह के राज़ खुलने दें,
जीवन वो एक नया होगा,

होने दो इज़हार-ऐ-इश्क आज,
इन आँखों में डूब जाने दो,
जन्नत का वो नज़ारा होगा,





छोड़ो निभाना रस्मो को,
एक बार अपना  कह दो,
हर नफ्ज़ पर नाम तुम्हारा होगा,

होगे सिर्फ तुम वहां,
महताब से जब नूर छलकेगा,
तुम ही में आसमां मेरा होगा.. 

ऐसा कोई वो खूबसूरत नज़ारा होगा.. 


- नेहा सेन 

सर्वाधिकार सुरक्षित! 

1 comment:

  1. छोड़ो निभाना रस्मो को,
    एक बार अपना कह दो,
    हर नफ्ज़ पर नाम तुम्हारा होगा,... bahut umda (Y)

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